Editorial: सीएए लागू कर प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी की एक और गारंटी
- By Habib --
- Tuesday, 12 Mar, 2024
CAA implemented
आम चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपनी एक और गारंटी को पूरा कर दिया। नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए भाजपा के एजेंडे में प्रमुखता से शामिल रहा है, इस कानून की अधिसूचना जारी करके अब इसे लागू कर दिया गया है। चार साल पहले संसद से पारित इस कानून का देश में भारी विरोध हो चुका है, लेकिन भाजपा सरकार ने उस विरोध के शांत होने का इंतजार किया और अब साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया। निश्चित रूप से यह भाजपा का विपक्ष और अपने विरोधियों को तीखा जवाब है। अभी तक माना जा रहा था, जैसे नागरिकता संशोधन कानून बनाकर भी उसे लागू करने से केंद्र सरकार परहेज कर रही है।
ऐसा उस विरोध की वजह से भी हुआ, जिसने पूरे देश को अशांत कर दिया था। उन दिनों को आखिर कौन भूल सकता है, जब कोरोना शुरू हो चुका था, लेकिन दिल्ली में मुस्लिम समाज के लोगों ने भारी विरोध करते हुए धरना शुरू किया था। इसके बाद दिल्ली में दंगे हुए वहीं देश के अन्य राज्यों में भी इसे लेकर भारी प्रदर्शन हुए। इस कानून के जरिये अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिमों को भारत में नागरिकता प्राप्त होगी। यह अपने आप में बड़ा फैसला है, क्योंकि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि इन देशों में गैर मुस्लिमों के हाल क्या हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार पार्टी के लिए 370 सीटों की जीत का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह अपने आप में बड़ा लक्ष्य है, और भाजपा इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्राणपण से जुटी हुई है। बीते कुछ दिनों में ही जिस प्रकार से प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सक्रियता को अति सक्रियता में बदला है, वह हर किसी को अचंभित कर रही है। इस दौरान तमाम परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। हालांकि यह माना जा रहा था कि केंद्र सरकार कुछ ऐसा पेश कर सकती है, जिससे बड़ा संदेश देश में जाए। इसी आधार पर अब नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी करके इसे अमलीजामा पहना दिया गया है। गौरतलब है कि देश में समान नागरिकता संहिता को भी लागू करने की बात हो रही है। भाजपा शासित उत्तराखंड सरकार इसे लागू करने वाला पहला राज्य बन चुका है। अब चार पहले निर्मित किए गए नागरिकता संशोधन कानून को लागू करके केंद्र सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह अपनी हिंदूवादी राजनीति को और आगे लेकर जाना चाहती है। बीते दिनों अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का उद्घाटन इसी दिशा में एक निर्णायक कदम था।
हालांकि नागरिकता संशोधन कानून अब लागू हो चुका है और पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। राज्यों की ओर से भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, लेकिन प्रश्न यही है कि इस कानून को देश की जनता किस प्रकार से देखेगी और स्वीकार करेगी। हालांकि यह आवश्यक है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे गैर मुस्लिमों को उत्पीड़न से बचाया जाए। दरअसल, इस कानून का मुस्लिम समाज के द्वारा विरोध किए जाने की वजह भी यही रही है, क्योंकि उसका कहना है कि इस कानून में मुस्लिमों को क्यों नहीं शामिल किया गया। लेकिन यह समझने की बात है कि ये तीनों देश मुस्लिम राष्ट्र हैं, यहां पर अगर कोई अल्पसंख्यक है तो वह गैर मुस्लिम हैं और उनका इस प्रकार उत्पीड़न हो रहा है, जिसकी खबरें सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। पाकिस्तान में कितनी हिन्दू युवतियों का अपहरण करके उनका धर्म परिवर्तन करके उनके साथ शादी जैसा आडम्बर किया जाता है। पूरा विश्व इस बात को देखता और समझता है, लेकिन कदम कोई नहीं उठा पाता। ऐसे में भारत की भाजपा सरकार अगर उनके संबंध में विचार करते हुए उन्हें यहां की नागरिकता प्रदान करने के लिए कानून बनाती है तो इसमें क्या अनुचित हो सकता है।
जाहिर है, भारत में प्रत्येक धर्म, जाति, समाज के लोगों के लिए कानून एक समान है, लेकिन नागरिकता कानून में अगर गैर मुस्लिमों को वरियता दे दी गई है तो यह ऐसा मसला नहीं है जिससे देश को खत्म करने पर उतर आया जाए। दूसरे देशों के मुस्लिमों को भी नागरिकता हासिल करने की मंजूरी है लेकिन उसके लिए एक अलग प्रक्रिया है। वास्तव में यह सरकार का सही समय पर सही कदम है और इससे देश में निर्णायक परिवर्तन निश्चित है।
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